वनेसा और मारिलू अपनी उलझनों से भरी ज़िंदगी को पीछे छोड़ किसी भी कीमत पर सिस्टम और इस दुनिया को हराने की ठान लेती हैं। लेकिन जब आखिरकार वो अपनी मेहनत का फल देखना शुरू करती हैं, तो उन्हें एहसास होता है कि कभी-कभी उलझन परिस्थितियों में नहीं, बल्कि खुद में होती है।